The Ultimate Guide To बकरी के दूध के उपयोग





बकरी के दूध में चयापचय भी शामिल होता है। अध्यापक के अनुसार, बकरी का दूध उन व्यक्तियों के लिए फायदेमंद होता है। जिनका शरीर पोषक तत्वों को अवशोषित करने में असमर्थ होता है बकरी का दूध पीने से शरीर में आयरन और कॉपर के चयापचय में मदद मिलती हैं। इसलिए बकरी का दूध अन्य दूध की तुलना में ज्यादा फायदेमंद होता है।

आइसक्रीम बनाने के लिए भी बकरी के दूध का इस्तेमाल किया जा सकता है।

त्वचा सम्बंधित अधिकतर परेशानियाँ पित्त दोष के बढ़ने के कारण होती हैं। बरगद में पित्त शामक एवं कषाय गुण होने के कारण यह त्वचा के लिए काफी लाभदायक होता है। 

कम वसा सामग्री आसान पाचन में मदद करती है

बरगद के दूध को लगाने से कमर दर्द ठीक होता है। अधिक लाभ के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श ले।

पुस्तकें बकरी का दूध: पोषण, स्वास्थ्य लाभ और कैसे उपयोग करें

डॉ. राधामणि कहती हैं कि बकरी के दूध के गुणों को समझने के लिए बकरी को समझना जरूरी है। बकरी हमेशा सक्रिय रहने वाली दुबली- पतली सी होती है। इसके अलावा वह बहुत सारा पानी पीने के साथ घास खाना पसंद करती है। जो इसके दूध को ठंडा और पोषक तत्वों से भरपूर बनाता है।

बकरी के दूध में वसा ग्लोब्यूल्स छोटे होते हैं और शायद यही एक कारण है कि दूध पचाने में आसान होता है। पाचन समस्याओं वाले लोग या जो लैक्टोज असहिष्णु हैं वे आसानी से बकरी के दूध को सहन कर सकते हैं [१०] ।

अब आपको आयुर्वेद से जुड़ी सही जानकारी जानने के लिए इधर-उधर भटकने की ज़रूरत नहीं है। आप ‘अर्थ’ पोर्टल के ज़रिये एक ही जगह पर आयुर्वेद के सिद्धांत, उपचार और घरेलू इलाजों आदि के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल कर सकते हैं। “अर्थ” पोर्टल पर लिखित सारी जानकारी पतंजलि के आयुर्वेदिक विशेषज्ञों द्वारा प्रमाणित है साथ ही आप यहां बीमारियों से जुड़ी आयुर्वेदिक दवाइयों की सूची भी पा सकते हैं।

इसके सेवन से डेंगू, चिकनगुनिया आदि रोगों को ठीक कर सकते है. बकरी more info के दूध में सेलेनिम ट्रेस भरपूर मात्रा में होती है जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है। यह हमें बहुत सी बिमारियों और इंफेक्शन से रक्षा करता है।

पूरे देश में नागवेली पान के पत्तों की डिमांड

नागवेली पान के पत्तों का बाजार पूरे देश में उपलब्ध है. यहां रेट व्यापारी नहीं बल्कि किसान तय कर सकता है. इन पत्तों की डिमांड इतनी है कि इन्हें खुद व्यापारी किसानों के खेतों में पहुंचकर खरीदते हैं. हालांकि, पान की खेती करना थोड़ा मुश्किल माना जाता है.

शब्द सावधानी: गाय के दूध से बकरी के दूध की विभिन्न पोषक रचनाओं के कारण, स्तन या बोतल से दूध पिलाने से रोकने के बाद तुरंत अपने बच्चों को बकरी का दूध देने की सिफारिश नहीं की जाती है। जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं, पोषक तत्व संरचना उपयुक्त हो जाती है, लेकिन उचित विकास के लिए, गाय के दूध के साथ शुरू करना बुद्धिमान है।

फोड़े और फुन्सियों पर वट वृक्ष के पत्तों को गर्म कर बांधने से वे जल्‍द ही पक कर फूट जाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *